Narendra Modi: पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (NACIN) के नए अत्याधुनिक परिसर का दौरा किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, मुझे विश्वास है कि NACIN (राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी) का यह नया परिसर सुशासन के लिए नए आयाम बनाएगा और भारत में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “यहां आने से पहले पवित्र लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर जाने का सौभाग्य मिला है, मंदिर में मुझे रंगनाथ रामायण सुनने का अवसर मिला, मैंने वहां भजन कीर्तन में भी हिस्सा लिया. मान्यता है कि यहीं पास में भगवान श्रीराम का जटायु से संवाद हुआ था. आप जानते हैं, अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व मेरा 11 दिन का अनुष्ठान चल रहा है. ऐसी पुण्य अवधि में यहां ईश्वर से साक्षात आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया.”
पीएम मोदी ने कहा कि, आज कल पूरा देश राममय है, रामभक्ति में सराबोर है, लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था… भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है. प्रभु राम Governance के, सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं, जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं.
एनएसीआईएन को भारत को व्यापार और वाणिज्य के लिए एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना चाहिए. इसे भारत को वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाने और कर, सीमा शुल्क और नशीले पदार्थों के माध्यम से व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए.
आगे उन्होंने कहा कि, “अतीत में हमारे यहां प्रोजेक्ट्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने की प्रवृत्ति रही है, जिस कारण से देश को बहुत नुकसान हुआ है. बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने लागत का ध्यान रखा है और योजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है. पिछले 10 वर्षों में गरीब, किसान, महिला व युवा… इन सबको हमने सशक्त किया है. हमारी योजनाओं के केंद्र में वही लोग सर्वोपरि रहे हैं, जो वंचित थे, शोषित थे, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े थे.”
पीएम मोदी ने कहा कि, “हमें कर संग्रह के रूप में एकत्रित धन का उपयोग समाज कल्याण के लिए करना चाहिए. भारत में एक जटिल कर संरचना हुआ करती थी. जीएसटी के साथ, हमने पारदर्शिता लाते हुए देश को एक अनूठी कराधान प्रणाली प्रदान की. हमने फेसलेस टैक्स असेसमेंट सिस्टम शुरू किया. इन सभी प्रयासों से कर संग्रहण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. संग्रह को राज्य के खजाने में रखा जाता है और विभिन्न पहलों के रूप में लोगों को लौटाया जाता है.
हमें कर संग्रह के रूप में एकत्रित धन का उपयोग समाज कल्याण के लिए करना चाहिए. भारत में एक जटिल कर संरचना हुआ करती थी. जीएसटी के साथ, हमने पारदर्शिता लाते हुए देश को एक अनूठी कराधान प्रणाली प्रदान की. हमने फेसलेस टैक्स असेसमेंट सिस्टम शुरू किया. इन सभी प्रयासों से कर संग्रहण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. संग्रह को राज्य के खजाने में रखा जाता है और विभिन्न पहलों के रूप में लोगों को लौटाया जाता है.